Thursday, January 13, 2011

न्याय यात्रा निकालने वाले शिवराज भी 29 जुलाई 2004 से कथित लापता सीआईडी के आदिवासी हवलदार की पत्नि को नहीं दिला सके न्याय



न्याय यात्रा निकालने वाले शिवराज भी 29 जुलाई 2004 से कथित लापता
सीआईडी के आदिवासी हवलदार की पत्नि को नहीं दिला सके न्याय
छिन्दवाड़ा । रामकिशोर पंवार पूरे मध्यप्रदेश में न्याय यात्रा निकालने वाले मध्यप्रदेश के घोषणावीर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी बैतूल में एक पत्रकार वार्ता के दौरान उठाये गये छिन्दवाड़ा जिले के एक सी आई डी के पौने पाँच साल से संदिग्ध परिस्थिति से लापता हवालदार के मामले पर उसकी पत्नि से वीडीओ कांफेसिंग के बाद उसे दिये गये वादो पर भी खरे नहीं उतरे और उस आदिवासी महिला के परिवार को अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान खबर लिखे जाने तक न्याय नहीं दिलवा सके है। उल्लेखनीय है कि छिन्दवाड़ा जिले के पाढुर्णा नगर के प्रतिष्ठित मदान परिवार में पाँच साल पूर्व हुई डकैती एंव अंधे 5 लोगो की जघन्य हत्याकांड की सी .आर्ई . डी . जाँच दल में शामिल सी . आई . डी . का हवलदार जयराम उइके पिछले लगभग पौने पाँच  साल से कथित लापता है। 29 जुलाई 2004 से 4 अगस्त 2004 को होने वाली क्राइम विभाग की भोपाल बैठक में इस बहुचर्चित हत्याकांड की जाँच रिर्पोट प्रस्तुत करने के लिए अपने घर से निकला उक्त सी . आई . डी . का हवलदार आज तक अपने घर नहीं लौटा है। पाढुर्णा के इस बहुचर्चित अंधे हत्याकांड  एंव डकैती कांड में तत्कालिन पुलिस अधिक्षक विजय सूर्यवंशी एवं सी .आई .डी . निरीक्षक गणेश चौधरी पर लापता हवलदार की पत्नि ध्यान कुमारी उइके ने उठाई सदेंह की ऊंगली के बाद से सुर्खियो में आये इस मामले को देश के सारे टी .वी . न्यूज चैनलो द्वारा दिखाया गया ,लेकिन तत्कालिक पुलिस अधिक्षक विजय सूर्यवंशी एवं सी .आई .डी . निरीक्षक गणेश चौधरी ने अपनी लम्बी पहँुच तथा नोटो से मामले की जाँच करने वाले अधिकारियो से लेकर राजनेताओं को अपने पक्ष में कर लिया जिसके चलते उनका आज तक बाल बांका नहीं  हो सका । आज भी सी . आई . डी . का हवलदार जयराम उइके की पत्नि ध्यान कुमारी अपने पति की 28 साल की नौकरी के कार्यकाल के दौरान उसके द्वारा मात्र 15 दिन की छुटटी ली बताया जबकि उस समय के तत्कालिन पुलिस अधिक्षक विजय सूर्यवंशी ने उक्त हवलदार को छुटटïी पर जाना बता कर रामप्रसाद नामक व्यक्ति को उसकी गुमशुदायगी के तीसरे दिन उसे मिलना बताया लेकिन बाद में उसी रामप्रसाद ने यह बताया कर मामले में तत्कालिन पुलिस अधिक्षक विजय सूर्यवंशी की भुमिका पर सदेंह की ऊंगली उठा दी कि वह तो लापता हवलदार जयराम उइके को जानता तक नहीं है.....ïï? दो बेटी और दो बेटो को लेकर न्याय के लिए भटक रही लापता सी .आई .डी .जयराम हवलदार की पत्नि ध्यान कुमारी को तत्कालिन पुलिस अधिक्षक विजय सूर्यवंशी ने बहुँत लालच देने का प्रयास किया जब वही उसके लालच में नहीं आई तो इस महिला को डराने -धमकाने का भी काम किया . अपने को इस मामले में उलझता देख तत्कालिन पुलिस अधिक्षक विजय सूर्यवंशी ने अपना तबादला बैतूल करवा लिया लेकिन बैतूल के एक पत्रकार द्वारा जब इस मामले को प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के बैतूल जिले के बोथी ग्राम में पत्रकार वार्ता के समय रख कर उन्हे मजबुर कर दिया तब स्वंय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने छिन्दवाड़ा जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधिक्षक से उस महिला की वीडियो कान्फेसिंग के माध्यम से आमना - सामना करवाया लेकिन इन पंक्तियो के लिखे जाने तक उस गरीब आदिवासी महिला ध्यान कुमारी की मुख्यमंत्री तक से सीधी बातचीत होने के बाद भी आज तक प्रदेश की भाजपा सरकार न्याय नहीं दिलवा सकी । बताया जाता है कि जब इस मामले को लेकर विजय सूर्यवंशी एवं गणेश चौधरी पर श्री चौहान ने मामला दर्ज करने के पुलिस के आला अफसरो को निर्देश दिये तब भिण्ड के सासंद अशोक अर्गल इस मामले में विजय सूर्यवंशी को बचाने के लिए कुछ पड़े। स्थिति यहाँ तक बिगड़ चुकी थी कि श्री चौहान के उस महिला को दिये गये वादे को निभाने के चक्कर में श्री चौहान के खिलाफ भिण्ड के सासंद एवं अन्य सासंदो ने जबरदस्त घेराबंदी की जिसके चलते श्री चौहान को पूरे मामले को ठण्डे बस्ते में डालना पड़ा। आज एक बार फिर पूरे प्रदेश में न्याय यात्रा पर निकले श्री चौहान के सामने एक बार फिर वही आदिवासी महिला न्याय की गुहार लगाने के लिए तड़प रही है। सबसे आश्चर्य जनक तथ्य यह है कि छिन्दवाड़ा जिले का एक राजनैतिक दल यहाँ तक जिले के सासंद एवं केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ तक अपने संसदीय क्षेत्र की उस आदिवासी महिला को न्याय नहीं दिलवा सके है ......ï?  आज पुलिस की सबसे बउ़ी विडम्बना यह है कि वह दुसरो को छोड़ अपने ही कर्मचारी - अधिकारी के परिवार को न्याय नहीं दिला पा रही है।


चित्र लापता
आईडी हवलदार जयराम
एवं उसकी पत्नि ध्यान कुमारी

No comments:

Post a Comment